दिनाँक 01 - 03 - 2022
।। ॐ गुणाकराय नमः ।।
मन-मस्तिष्क और ह्रदय में सन्तोष व आद्यात्मिक शान्ति का वास ही सबसे कीमती धन या उपहार होता है जिसे हम दुसरों से किसी भी प्रकार की अपेक्षा व सहायता के ना प्राप्त होने के भाव को मन-मस्तिष्क से स्वीकार करने पर ही हम अपने आपको खुद ही सहजता से दे सकते है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
आदर सहित
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें