दिनाँक 21 - 03 - 2022
।। ॐ सर्वलालसाय नमः ।।
कर्मनिष्ट व्यक्त्ति वर्तमान को ही अपना एकमात्र आदर्श समझता है क्योंकि वो अपने उज्जवल भविष्य का निर्माण भूतकाल से प्राप्त अनुभव के आधार पर ही अपने वर्तमान में पूर्ण आत्मविश्वास के साथ करता है । साथ ही साथ वह भूतकाल के लिए पछतावा और भविष्य की चिन्ता में अपने वर्तमान का लेशमात्र अंश बेकार नहीं करता।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें