दिनाँक 08 - 04 - 2022
।। ॐ सुसहाय नमः ।।
मनुष्य का क्रोध पर बने रहने का अर्थ है कि स्वयं लगातार ज़हर पीना और निश्चित रूप से अपना अहित, नुकसान व नाश करना तथा यह आशा करना कि दूसरे व्यक्त्ति की मृत्यु व उसका नुकसान हो जो की सच्चाई व यथार्थ से कोसो दूर है । अतः हम सभी सदैव क्रोध से बचे ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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