दिनाँक 18 - 04 - 2022
।। ॐ गम्भीरबलवाहनाय नमः ।।
सहिष्णुता या सहनशीलता का दिव्य या शाब्दिक अर्थ है कि मनुष्य अपनी मनः स्थिति, शब्द, भाषा और प्रतिक्रिया को अपनी व्यवाहिरक कुशलता व सामाजिक मूल्यों को परिस्थितियों की वांछनीय आवश्यकता के अनुकूल सर्वोच्च स्तर पर रखना ना कि सभी विपरित व्यवहार व स्थितियों को सहन करना या अपने आपको अक्रियाशील बनाये रखना।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
जय भोलेनाथ
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