दिनाँक 26 - 04 - 2022
।। ॐ विष्वक्सेनाय नमः ।।
मनुष्य के लिये तटस्थ रहना हर स्थिति में सर्वथा अनुचित होता है। अतः उसे समाजिक आवश्यकता के लिये अपना मौलिक विचार और प्रतिक्रिया देना नितान्त जरूरी है। परन्तु यह हमेशा ध्यान रखे कि वह संयम, धैर्य, संस्कार , सभ्यता तथा भाषा की गरिमा का दामन कभी ना छोड़े।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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