दिनाँक 28 - 04 - 2022
।। ॐ यज्ञाय नमः ।।
विश्वास ही आपसी सम्बन्धों की आत्मा और शरीर है। सम्बन्धों में विश्वास हो तो खामोशी व मौन के गूढ़ व सूक्ष्म अर्थ को भी सरलता से समझा जा सकता है और यदि इसका अभाव हो तो प्रत्येक शब्द पर गलतफहमी व सन्देह सदा बना ही रहता है
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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