दिनाँक 17 - 04 - 2022
।। ॐ गम्भीराय नमः ।।
यह सत्य है कि मनुष्य का अपनी अनन्त इच्छाओ, अपेक्षाओं, आशाओं व विचारो पर नियन्त्रण नही हो सकता परन्तु मनुष्य का अपनी उन्नति, तरक़्क़ी व विकास के लिये यह अति आवश्यक है कि वह यह निश्चित करें कि उसके अपने मन-मस्तिष्क और ह्रदय पर इन सब का अनावश्यक नियन्त्रण, हस्तक्षेप या अतिक्रमण ना होने दें ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
Very nice lines 👍👍
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