दिनाँक 11 - 05 - 2022
।। ॐ हुताशनसहायाय नमः ।।
हमारी सोच, विचार, गुण व व्यवहार बेशक अदृश्य या निराकार रूप में होती है फिर भी इनकी छाप, स्मृति या प्रभाव दुसरों के ह्रदय मे सदा विराजमान रहती है। अतः हम सदैव ध्यान रखें कि हमारे विचार व कर्म सदा सर्वोत्तम मानवीय मूल्यों के अनुसार ही हो ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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