दिनाँक 13 - 05 - 2022
।। ॐ हुताशनाय नमः ।।
मित्रता की सूक्ष्म व ब्रह्र्द परिभाषा के दायरे के अन्तर्गत स्वार्थ व अविश्वास की भावना के लिये कोई स्थान नहीं होता है बल्कि इसकी जगह आपसी विश्वास व सदभाव का मजबूत आधार निहित होता है जो खुशी व सकंट के समय पूर्ण गम्भीरता के साथ सभी दायित्वों व कर्तव्यों का निर्वाहन करता है।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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