दिनाँक 17 - 05 - 2022
।। ॐ विजयकालविदे नमः ।।
यदि मानव अपनी निन्दा और आलोचना सुन लेने के बाद भी शान्त रहता है तो मनुष्य के व्यक्तित्व की समाज मे स्वीकार्यता तो बढती ही है इसके साथ साथ उसकी प्रगति व विजय भी सुनिश्चित हो जाती है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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