दिनाँक 26 - 05 - 2022
।। ॐ मुर्द्धगाय नमः ।।
यदि हम अपना जीवन उन्मुक्त, मधुर और उल्हासित बनाए रखना चाहते है तो हम कभी भी निराश व उदासीन व्यक्ति से सम्बन्ध ना रखें और ना ही उनके सानिध्य में रहे तथा उनकी किसी भी प्रतिक्रिया का कोई भी ज़बाब ना दें । साकारात्मक ऊर्जावान प्रभामण्डल या वातावररण हमारे चारों ओर स्वतः ही निर्मित हो जाता है जो हमारे विकास व उन्नति का मूल आधार है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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