दिनाँक 29 - 05 - 2022
।। ॐ पणविने नमः ।।
मनुष्य की बोद्धिक परिपक्वता की सर्वोत्तम परिभाषा यह नही है कि वह मनुष्य है इसलिये उसे आध्यात्मिकता की समझ होती है बल्कि हम इसे सूक्ष्म रूप से समझे कि उसे जन्म से ही आध्यात्मिक अनुभव होता है इसलिये वह मनुष्य है । ऐसा मनुष्य ही प्रत्येक जीव में ब्रह्म की उपस्थिति को महसूस कर सकता है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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