दिनाँक 09 - 05 - 2022
।। ॐ वडवामुखाय नमः ।।
वात्सल्य, करुणा और दया को व्यक्त करने के लिये किसी भी प्रकार के प्रयास की आवश्यकता नही होती है इसकी भाषा व अभिव्यक्ति ह्रदय-स्पर्शी होती है इसे बहरा व्यक्त्ति भी सुन सकता है तथा अंधा व्यक्त्ति भी देख सकता है।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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