दिनाँक 02 - 06 - 2022
।। ॐ नक्षत्रविग्रहमतये नमः ।।
सन्तोष या संतुष्टि एक मानसिक स्थिति है जिसे प्राप्त करने के लिये किसी भी प्रकार के शारीरिक प्रयास की आवश्यकता नही होती है अपितु इसको अपने दुराग्रह, पूर्वाग्रह, इच्छाएं, अपेक्षाएँ , गर्व व ईर्ष्या आदि के बीच आदर्श सामंजस्य स्थापित करके ही जिसका अनुभव किया जा सकता है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें