दिनाँक 06 - 06 - 2022
।। ॐ प्रजापतये नमः ।।
धैर्य की शुद्ध परिभाषा केवल इन्तजार की क्षमता के स्तर से ही पूर्ण रूप से विश्लेषित नहीं होती है बल्कि यह विपरीत परिस्थितियों के निदान के लिये प्रतिक्रिया देने व उपयुक्त समय की अनुकलता के बीच के अन्तराल के दौरान मनुष्य के अपने आचरण व व्यवहार में सहजता के स्तर से सम्बन्धित होती है।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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