दिनाँक 10 - 06 - 2022
।। ॐ अमुखाय नमः ।।
अपेक्षाएँ हमेशा अपने आप से करें क्योंकि ये सदैव हमे नए नए लक्ष्य के लिये प्रेरित करती है जबकि दूसरोँ से की गई अपेक्षाएँ व आशाएँ हमें कष्ट, दुःख व व्यथित ही करती है। मनुष्य के प्रगतिशील व शान्त जीवन का यही मूल मंत्र है।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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