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मानव जीवन की मधुरता

दिनाँक  14 - 06 - 2022

 ।।  ॐ  मेंढरजाय नमः ।। 

दर्शक जोकर (हास्य कलाकार ) को जोकर की तरह देखकर उसका आनन्द उठाते हैं जबकि जोकर अपने को अभिनेता या कलाकार समझकर अपनी हास्य अभिनय की क्षमता पर नाज करता है। अतः हम सभी दूसरे व्यक्ति हमारे बारे में क्या सोचते हैं इसको नजरअंदाज करते हुए हम अपने जीवन के प्रत्येक पल को अपने व्यक्तित्व की क्षमता व साकारात्मक पक्ष पर  प्रसन्न व आनन्दित होकर जिए। यही मानव जीवन की मधुरता है ।

शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे।  जय शंकर जी की । 

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