दिनाँक 26 - 06 - 2022
।। ॐ व्यालरूपाय नमः ।।
समाजिक स्वीकार्यता के लिये मनुष्य का धनवान, बुद्धिमान, सुन्दर और निपुण होना जरूरी नहीं बल्कि सिर्फ वह निःस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा करता रहे तो उसकी स्वीकार्यता स्वतः ही समाजिक वातावरण में पूर्ण रूप से स्थापित हो जाती है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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