दिनाँक 03 - 07 - 2022
।। ॐ त्रिकालधृषे नमः ।।
जब हम दूसरों को परखते या उनकी आलोचना करते है तब हमें कोई भी अपना हितैषी नजर नहीं आता है। परन्तु जब हम दूसरों के आचार-विचार व व्यवहार को समझना शरू कर देते हैं तब प्रत्येक मनुष्य हमे अपना मित्र , हितैषी व शुभ चिंतक नजर आता है जो हमे आध्यात्मिक शान्ति, स्नेह व सन्तोष का भी बोध देता है।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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