दिनाँक 11 - 07 - 2022
।। ॐ विभागज्ञाय नमः ।।
जो मनुष्य संशयहीन व एकाग्रचित्त होकर संवेदनशील और सचेतन प्राणी के उत्थान के लिये सदैव व्यस्त रहता है और जो सभी पाप कार्यों से परे है, वही मनुष्य परम् शक्त्ति के सानिध्य में मुक्त्ति का अलौकिक आनन्द प्राप्त कर सकता है।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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