दिनाँक 15 - 07 - 2022
।। ॐ सर्ववासाय नमः ।।
आपसी संवाद की उपयोगिता और उसका तार्किक अर्थ उसी वक़्त स्वतः ही समाप्त हो जाता है जब हम एक दूसरे के वक्तव्य को समझने व सुनने के बजाय उसका उत्तर देने मे व्यस्त हो जाते हैं।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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