दिनाँक 17 - 07 - 2022
।। ॐ दुर्वाससे नमः ।।
हम हमेशा अपने पुरुषार्थ व कर्मनिष्ठा को ही अपने जीवन संघर्ष के लिए अपना प्राथमिक आधार समझे क्योंकि मित्र, बन्धु या हितैषी हमारे कमजोर पलों और महत्वपूर्ण मुकामों व स्थितियों में हमारा सहयोग तो कर सकते परन्तु लक्ष्य तक का सफर हमे अकेला ही तय करना पड़ता है।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें