दिनाँक 30 - 07 - 2022
।। ॐ निग्रहाय नमः ।।
जब भी हम किसी अन्य व्यक्त्ति के अस्तित्व , संवेदनाओ , अनुभूति या दुःखो को अपने अन्तस् या ह्रदय में उसके यथार्थ स्वरूप में उसको महसूस करते है तो यह नितांत असम्भव है कि हम किसी का भी नुकसान या अहित करें ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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