दिनाँक 03 - 08 - 2022
।। ॐ अमुख्याय नमः ।।
आपसी - सम्बन्धों के खूबसूरत पक्ष का आधार ना तो कोई परीक्षा है जिसे में हमें उतीर्ण - अनुतीर्ण होना होता है और ना ही कोई आपसी प्रतियोग्यता है जिसमे जीत - हार का निर्णय करना होता है बल्कि यह एक मधुर एहसास, अनुभूति, प्यार, समपर्ण या त्याग के जीवित चित्र से सम्बन्धित होता है जिसमें हम एक दूसरे की देखभाल अपने से ज्यादा करते हैं।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
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