दिनाँक 20 - 08 - 2022
।। ॐ बहुरश्मये नमः ।।
चेहरे पर शाश्वत हँसी, खुशी या मुस्कराहट की व्यवहारिक प्रसांगिकता या समाजिक स्वीकार्यता तभी अर्थपूर्ण होती हैं जब इसका प्रमुख आधार केवल जिन्दगी से ना हारने का ही वादा हो ना कि सुख-सम्पन्न और विलासिता से परिपूर्ण वैभवशाली जीवन का आधार हो ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो। भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे। जय शंकर जी की ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें