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शान्त चित्त की आवश्यकता

दिनाँक  27 - 08 - 2022

   ।। ॐ  श्रियावासिने नमः ।।

शान्त चित्त, सौम्य व्यवहार और मुख-मण्डल में स्थायी मुस्कान के लिए यह आवश्यक है कि किसी व्यक्ति पर ज़्यादा नाराज़ होने से बेहतर है कि हम अपने जीवन की दैनिक क्रियाओं में उस व्यक्ति के अस्तित्व, गम्भीरता,  व महत्व  को बिलकुल नगण्य कर दें ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो।  भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे।  जय शंकर जी की

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