दिनाँक 16 - 09 - 2022
।। ॐ अश्वत्थाय नमः ।।
हमारे विकास व काम करने की रफ्तार सुस्त, कमजोर व धीरे है तो भी हमें परेशान व विचलित होने की जरूरत नही है परन्तु हमारा अपने कर्तव्यों, अधिकारों व दायित्वों के प्रति जड़वत, अक्रियाशील, अविमुख और खामोश रहना निश्चित रूप से यह हमारी चिन्ता, परेशानी व गम्भीरता का विषय होना ही चाहिये ।
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