दिनाँक 21 - 09 - 2022
।। ॐ सिद्धार्थाय नमः ।।
भूतकाल में की गई अपनी सभी अनैतिक, अस्वभाविक तथा अव्यवहारिक गतिविधियों व कार्यों के लिये चिन्ता व दुःखी होने की कोई जरूरत नहीं है बल्कि अपने विचारों में सुधार ला कर नई शरुआत करें तथा वर्तमान में किये गये कार्यो का आनन्द लें और सन्तुष्ट रहें ।
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