दिनाँक 27 - 09 - 2022
।। ॐ अव्ययाय नमः ।।
हंसी व मुस्कराहट की सर्वोच्चता का मानक स्तर तभी परिभाषित होता है जब हम एक दूसरे की समस्या का हल करके फिर आपस में मिलकर हँसते व मुस्कराते है ना कि दूसरे को समस्या में ग्रस्त देखकर उस पर कुटिलता से हँसते है
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
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