दिनाँक 29 - 09 - 2022
।। ॐ विशाखाय नमः ।।
हमारा नज़रिया या दृष्टिकोण सकारात्मक है तो हम विश्व की हर शै, वस्तु और परीस्थिति से प्यार व प्रेम करते हैं और संतुष्ट रहतें हैं । परन्तु यदि हमारी भाषा की शैली शालीनता, मृदुलता और व्यवहारिकता से ओतप्रोत है तो समाज के सभी लोग हमे अपना प्यार , आदर, प्रेम, व मान-सम्मान स्वतः ही देने लगतें है ।
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