दिनाँक 30 - 09 - 2022
।। ॐ षष्टिभागाय नमः ।।
दार्शनिक परन्तु व्यवहारिक कथन है कि मनुष्य को सदैव प्रसन्न रहना चाहिए क्योकि हमेशा चिन्ता आतुर या चिन्तित रहने से उसकी भविष्य की समस्या हल हो जाए यह तो जरुरी नहीं है परन्तु उसका आज का सुकून व चैन तो निश्चित ही चला जाता है।
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