दिनाँक 08 - 09 - 2022
।। ॐ सिद्धयोगिने नमः ।।
जीवन की आपाधापी और कश्मकश से दूर हमारे जीवन का शान्त, मधुर व प्यारा एक ही लक्ष्य हो सकता है कि हम अपने गत दिवस से आज को बेहतर करने के लिये अपने सभी समर्थ प्रयास जारी रखे ना कि हम अपने आपको दूसरे से बेहतर करने के मकड़जाल में फंसकर अपने वर्तमान और भविष्य को, अशान्त, उद्गिवन व अवसादग्रस्त भरा बना दें ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें