दिनाँक 10 - 10 - 2022
।। ॐ वाजसनाय नमः ।।
सहज व सरल भाषा ही मधुर व प्रगाढ़ सम्बन्ध का आधार होता है क्योंकि आवेश या क्रोध में कहा गया एक भी कठोर या कड़वा शब्द इतना जहरीला हो सकता है जो अनन्त प्यार भरी व मोहक बातों को एक ही पल में नष्ट, खत्म और प्रभावहीन कर सकता है।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
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