दिनाँक 30 - 11 - 2022
।। ॐ अनौषधाय नमः ।।
आपसी बन्धुत्व व सम्बन्ध के स्थायित्व की खूबसूरती तभी परिलक्षित या परिभाषित होती है जब गत दिवसों में हुए हमारे आपसी वाद-विवाद, शिकायत, गलती या मन-मुटाव के बाद भी हमारा आपसी संवाद निश्चल भाव के साथ पुर्व की भांति यथावत बना रहता है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें