दिनाँक 28 - 01 - 2023
।। ॐ महानासाय नमः ।।
आपसी सवांद की स्पष्टता व सामंजस्यता को स्थापित करने के लिए यह जरूरी है कि संवाद के दौरान प्रतिक्रिया स्वरूप मिली किसी भी व्यक्त्ति की ख़ामोशी के भी हर एक पहलु की अनकही गहनता को हम अक्षरशः समझने का हर सम्भव प्रयास करें जिस के कारण हम अन्त हीन आपसी संवाद की ऊबाऊ प्रक्रिया से बच सकते है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।।
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