दिनाँक 03 - 03 - 2023
।। ॐ देवाधिपतये नमः ।।
गलती को हमारी-आपकी के रूप मे कभी भी ना ले बल्कि इसे गलती के रूप मे ही स्वीकारें जो हमारी सुधार करने की प्रवृत्ति को जागृत करता है । मेरी गलती का बोध अपराध भाव लाता है जो अवसाद पैदा करता है जबकि आप की गलती का भाव क्रोध लाता है जो पतन को निश्चित करता है।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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