दिनाँक 31 - 03 - 2023
।। ॐ कलये नमः ।।
अनुचित, अनुचित ही होता है फिर चाहे समाज मे इसका बहुमत हो या सभी व्यक्त्ति इसे कर रहे हो । जो सभी को दुःखी करता है। उचित, उचित ही होता है फिर चाहे यह अल्पमत मे ही क्यों ना हो। अन्त मे यही सत्तासीन होता है। समाज का मार्गदर्शन करता है और सुखद एहसास देता है।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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