दिनाँक 20- 06 - 2023
।। ॐ त्रिशङकवे नमः ।।
कटुता व प्यार
कटुता व प्यार दोनो ही मनुष्य अपने के लिए स्वयं निर्मित करता है। कटुता उसे वहां मिलती है जब वह निजी स्वार्थ के लिए किसी से जुड़ता है । शाश्वत व स्थायी प्यार उसे वहां मिलता है जब वह निःस्वार्थ भाव से किसी से जुड़ता हैं ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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