दिनाँक 28 - 09 - 2023
।। ॐ हरये नमः ।।
सृजन
प्रेम, करुणा, दया, वात्सल्यता और सहभागिता ही मानव-कल्याण व राष्ट्र उत्थान के लिए महज एक भावना नही है बल्कि आवश्यक मूल-भूत आधार व वास्तविक प्रेरणा-शक्त्ति है । जिनके द्वारा विकास और सृजनता के नये नये आयाम आसानी से छू सकते है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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