दिनाँक 02 -11 - 2023
।। ॐ युक्तबाहवे नमः ।।
अंहकार
अंहकार हमारे चरित्र व वैभवता के पतन का कारक है परन्तु विशेष या अहम् परिस्थितियों मे अहंकार करना भी हमारा आवश्यक कर्म, धर्म व कर्तव्य बन जाता है जब बात हमारे अस्तित्व, अधिकार, चरित्र या सम्मान की रक्षा करने की हो ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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