दिनाँक 03 - 01 - 2024
।। ॐ महारूपाय नमः ।।
अच्छाई
जब भी हम दुसरे के अन्दर कोई अच्छाई ढूँढते है तब अपरोक्ष रूप से हम अपने व्यक्त्तित्व से बात करते है, उसे सँवारते है, उसको सुधारते है और अपने आप को जानने व समझने का प्रयास भी करते है । जो हमे आध्यात्म व सात्विक जीवन की ओर धीरे-धीरे अग्रसर करता है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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