दिनाँक 08 - 01 - 2024
।। ॐ पण्डितायाय नमः ।।
अजेय व्यक्त्ति
निःस्वार्थ प्रेम व सामायिक हास-परिहास करने का स्वभाव ही व्यक्त्ति को प्रतिकूल परिस्थितियों मे उसे बचाता है। यदि दोनो मे से एक गुण उसके पास है तो वह सुखी व्यक्त्ति है और यदि दोनो ही उसके पास है तो वह अजेय व्यक्त्ति है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें