दिनाँक 12 - 01 - 2024
।। ॐ शशिनेहरसुलोचनाय नमः ।।
परिपक्वता
व्यवाहारिक कुशलता मे परिपक्वता का चरम् शिखर मनुष्य को तभी हासिल होता है जब वह यह समझ जाए कि उसे किन परिस्थितियों मे महामूर्ख का चरित्र निभाना है और कब दुसरे व्यक्त्ति की महानता को स्वीकार करने का अभिनय करना है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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