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सत्य व असत्य

दिनाँक  20 - 01 - 2024

   ।। ॐ विन्दवे नमः ।।

सत्य व असत्य 

सत्य आरम्भ मे कष्टदायक हो सकता है परन्तु कुछ समय पश्चात इसी की परिणति शास्वत आनन्द देती है। असत्य आरम्भ मे काल्पनिक आनन्द देता है परन्तु अन्त मे इसका प्रभाव कष्टदायक ही होता है । 

शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

आदर सहित 
रजनीश पाण्डेय 

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