सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

प्रकृत्ति

दिनाँक  15 - 02 - 2024

   ।।  ॐ  दण्डिने  नमः ।।

 प्रकृत्ति

मानवीय स्वभाव की विचित्र प्रकृत्ति है कि जब वह प्रसन्न व खुश होता है तब वह उस व्यक्त्ति के पास जाना चाहता है जिसे वह बहुत प्यार करता है परन्तु जब वह दुखी या कष्ट मे होता है तो वह अपने समाधान के लिए उस व्यक्त्ति का सानिध्य ढूँढता है जो उससे निःस्वार्थ प्रेम करता है ।

शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

आदर सहित 
रजनीश पाण्डेय 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कुशल नियंत्रण

दिनाँक   28 - 12 - 2022    ।। ॐ  वृषणाय  नमः ।। मुश्किल,  विकट, कठिन  व असामान्य परिस्थितियों को सहज रहकर कुशलता के साथ नियन्त्रण में रखने की निपुणता व प्रवीणता का स्तर ही हमारे विकास, उन्नति व प्रगति के मानक को निर्धारित व स्थापित करता है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

एतिहासिक दिन

दिनाँक   17 - 12 - 2022    ।। ॐ  विदुषे  नमः ।। वह दिन हमारे लिए शानदार, खुबसुरत और खुशी का ऐतिहासिक, यादगार और मील का पत्थर बन जाता है जिस दिन से हम किसी भी क्षेत्र मे अपनी उन्नति, प्रगति व निपुणता हासिल करने के लिए अपने खुद पर पूर्ण रूप से आत्म-निर्भर हो जाते है ।  शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।

अस्तित्व

दिनाँक 29 - 10 - 2024    ।। ॐ  प्रमाणाय  नमः ।। अस्तित्व  आपसी सम्बन्धों की खूबसूरती व प्रगाढ़ता के स्थायित्व के लिए हम आपसी सामंजस्य, मिठास व समर्पण के स्तर को उस मुकाम तक ले जाये जहाँ सभी पक्ष समझे कि एक दुसरे के बिना उनका अस्तित्व कुछ भी नहीं है । शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की । आदर सहित  रजनीश पाण्डेय