दिनाँक 15 - 02 - 2024
।। ॐ दण्डिने नमः ।।
प्रकृत्ति
मानवीय स्वभाव की विचित्र प्रकृत्ति है कि जब वह प्रसन्न व खुश होता है तब वह उस व्यक्त्ति के पास जाना चाहता है जिसे वह बहुत प्यार करता है परन्तु जब वह दुखी या कष्ट मे होता है तो वह अपने समाधान के लिए उस व्यक्त्ति का सानिध्य ढूँढता है जो उससे निःस्वार्थ प्रेम करता है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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