दिनाँक 02 - 04 - 2024
।। ॐ जाह्नवीभृते नमः ।।
कुशलता
व्यवाहारिक कुशलता के लिए यह अनिवार्य है जहाँ तर्कपूर्ण या विधि सम्मत तथ्य भी स्वीकार ना हो वहाँ बहस करना या अपने पक्ष को समझाना व्यर्थ है परन्तु जब कोई बात या विषय हमारी समझ मे आ जाए तब चुप रहना तर्क-वितर्क करने से श्रेयस्कर होता है ।
सुप्रभात🙏🌹
आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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