दिनाँक 13 - 04 - 2024
।। ॐ परमात्मने नमः ।।
ईर्ष्या व प्रेरणा
जब हम दूसरे की सफलता को स्वीकार नहीं करते हैं तब हमारे चरित्र मे स्वतः ही ईर्ष्या जैसा नकारात्मक दुर्गण शामिल हो जाता है इसके विपरीत जब हम दुसरे की सफलता को स्वीकार करते हैं तो यह हमारे लिए प्रेरणा बन कर हमारे चरित्र मे साकारात्मक दृष्टिकोण को शामिल करती है।
सुप्रभात🙏🌹
आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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