दिनाँक 29 - 04 - 2024
।। ॐ संवत्सराय नमः ।।
परम शक्त्ति
परम शक्त्ति शब्द नही है जो पुस्तक मे मिलेगा, ये इन्सान भी नही है जो समाज मे मिलेगा, ये मूर्ति भी नही है जो पवित्र स्थानो मे मिलेगी, ये सिर्फ गुढ़ प्रेरक आवधारणा या जीता जागता जीवन है जो हमे अपने भीतर ही मिलेगा ।
सुप्रभात🙏🌹
आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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