दिनाँक 06 - 05 - 2024
।। ॐ मात्राभ्यो नमः ।।
भाषा
यदि हमारी भाषा की शैली मे मृदता, विद्वता, गम्भीरता और तर्कसंगत तथ्य का सदैव समावेश रहता है तो कभी-कभी हमारी विषय वस्तु मे अर्थपूर्ण निःशब्द खामोशी के अभिप्राय व दृष्टिकोण को भी सभी लोग समझ जाते है ।
ख़ामोशी भी उसी की महसूस होती है जिसका बोलना हमे अच्छा लगता हैं..।।
सुप्रभात🙏🌹
आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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