दिनाँक 04 - 08- 2024
।। ॐ भक्तानां परमायै गतये नमः ।।
विलासिता
विलासिता का सर्वोच्च स्तर ज्यादा से ज्यादा अपार सम्पदा का संचय करने से परिभाषित नही होता है ना ही इनका उपभोग करने से होता है बल्कि यह तभी परिलक्षित होता है जब इनका उपभोग करने की इच्छा समाप्त हो जाती है या इनसे विरक्त्ति हो जाती है ।
शुभ प्रभात । आज का दिन शुभ व मङ्गलमय हो । भगवान शंकर जी की सदा आप पर कृपा बनी रहे । जय शंकर जी की ।
आदर सहित
रजनीश पाण्डेय
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